शिमला 29 अप्रैल। निदेशालय फॉरंेसिक सेवांए जुन्गा ने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के फॉरेन्सिक साइंस विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन फॉरेन्सिक सर्विसेज निदेशालय की निदेशक, डॉ0 मीनाक्षी महाजन और पंजाबी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, डॉ. संजीव पुरी के मध्य औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित करके संपन हुआ । इस अवसर पर पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के विभागाध्यक्ष डॉ0 कोमल सैनी, प्रोफेसर डॉ0 राजिंदर सिंह और प्रोफेसर (रिटायर्ड) डॉ. मुकेश कुमार ठाकुर भी मौजूद रहे ।
डॉ0. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि यह एमओयू दोनों संस्थानों के लिए अपने शोध कार्यों को विस्तार देने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होने बताया कि आधुनिक आपराधिक जांचों में फॉरेन्सिक साइंस के बढ़ते महत्व को मध्यनजर रखते हुए इस एमओयू के साइन होने से इस निदेशालय की फोरेंसिक साईंस सेवाओं को लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला के प्रतिष्ठित संकाय के साथ सहयोग करके, निदेशालय फॉरेन्सिक सर्विसेज, शिमला हिल्स, जुंगा, अपने शोध उत्पादन और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देगा। इसके अतिरिक्त, पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों को फॉरेन्सिक विज्ञान में अत्याधुनिक उपकरणों और निदेशालय के वैज्ञानिक मार्गदर्शन का भी लाभ मिलेगा, जिससे वह अग्रणी शोध कार्य कर सकेंगे। इस सहयोग से नवाचार को बढ़ावा मिलने और छात्रों और पेशेवरों के बीच फॉरेन्सिक विज्ञान की तकनीकों की गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है।
पंजाबी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव पुरी ने शिमला हिल्स, जुंगा के फॉरेन्सिक सर्विसेज निदेशालय के साथ साझेंदारी पर गर्व व्यक्त करते हुए इस संस्थान को उच्च-प्रोफाइल अपराध मामलों को हल करने में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में पहचाना जाएगा । उन्होंने इस सहयोग के महत्व को बताते हुए कहा कि छात्रों को वास्तविक समय के अपराध प्रदर्शनों से जुड़ने का अवसर देगा, जिससे उन्हें फॉरेन्सिक जांच में अमूल्य हाथों-हाथ अनुभव प्राप्त होगा। डॉ0 पुरी ने यह भी कहा कि यह एमओयू दोनों संस्थानों की क्षमता को बढ़ाएगा ताकि वह फॉरेन्सिक साइंस में उन्नत प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान कर सकें। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह साझेदारी न केवल छात्रों के शैक्षिक ज्ञान को समृद्ध करेगी, बल्कि आपराधिक चुनौतियों का प्रभावी समाधान करने के लिए कानून प्रवर्तन समुदाय का भी समर्थन करेगी।
डॉ0. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि यह एमओयू दोनों संस्थानों के लिए अपने शोध कार्यों को विस्तार देने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होने बताया कि आधुनिक आपराधिक जांचों में फॉरेन्सिक साइंस के बढ़ते महत्व को मध्यनजर रखते हुए इस एमओयू के साइन होने से इस निदेशालय की फोरेंसिक साईंस सेवाओं को लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला के प्रतिष्ठित संकाय के साथ सहयोग करके, निदेशालय फॉरेन्सिक सर्विसेज, शिमला हिल्स, जुंगा, अपने शोध उत्पादन और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देगा। इसके अतिरिक्त, पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों को फॉरेन्सिक विज्ञान में अत्याधुनिक उपकरणों और निदेशालय के वैज्ञानिक मार्गदर्शन का भी लाभ मिलेगा, जिससे वह अग्रणी शोध कार्य कर सकेंगे। इस सहयोग से नवाचार को बढ़ावा मिलने और छात्रों और पेशेवरों के बीच फॉरेन्सिक विज्ञान की तकनीकों की गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है।
पंजाबी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव पुरी ने शिमला हिल्स, जुंगा के फॉरेन्सिक सर्विसेज निदेशालय के साथ साझेंदारी पर गर्व व्यक्त करते हुए इस संस्थान को उच्च-प्रोफाइल अपराध मामलों को हल करने में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में पहचाना जाएगा । उन्होंने इस सहयोग के महत्व को बताते हुए कहा कि छात्रों को वास्तविक समय के अपराध प्रदर्शनों से जुड़ने का अवसर देगा, जिससे उन्हें फॉरेन्सिक जांच में अमूल्य हाथों-हाथ अनुभव प्राप्त होगा। डॉ0 पुरी ने यह भी कहा कि यह एमओयू दोनों संस्थानों की क्षमता को बढ़ाएगा ताकि वह फॉरेन्सिक साइंस में उन्नत प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान कर सकें। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह साझेदारी न केवल छात्रों के शैक्षिक ज्ञान को समृद्ध करेगी, बल्कि आपराधिक चुनौतियों का प्रभावी समाधान करने के लिए कानून प्रवर्तन समुदाय का भी समर्थन करेगी।