मशोबरा ब्लॉक की पीरन पंचायत में करीब 24 वर्षों पहले बना बागवानी प्रसार केंद्र खंडहर में परिवर्तित हो चुका है । स्थानीय लोगो का कहना है कि भवन बनने के दौरान इस केंद्र में कुछ दिनों तक एक कर्मचारी अवश्य बैठा करते थे जिनके द्वारा किसानों को कीटनाशक इत्यादि दवाएं और बागवानी संबधी उपकरण उपदान पर प्रदान किए जाते थे । परंतु विभाग द्वारा कुछ महीनो ंके उपरांत इस कंेद्र को राजनैतिक दबाव के चलते बंद कर दिया गया था जिससे इस क्षेत्र की तीन पंचायतों पीरन, सतलाई और बलोग पंचायत में बागवानी गतिविधियां ठप्प पड़ गई है ।
सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश को अस्तित्व में आने के करीब 70 वर्षों कें बाद भी इन पंचायतों में किेसी भी किसान के पास कोई बागीचा नहीं है जबकि प्रदेश सरकार हर वर्ष बागवानी को बढ़ावा देने पर करोड़ों रूपये व्यय कर रही है । यही नहीं 1100 करोड़ की बागवानी मिशन परियोजना से भी यह क्षेत्र अछूता रखा गया है । बता दें कि इन पंचायतों में उद्यान अथवा कृषि विभाग द्वारा किसी भी किसान का आजतक एक भी पॉलीहाऊस स्वीकृत नहीं किया गया है । सिरमौर की सीमा पर सटे होने के कारण इस क्षेत्र को उद्यान और कृषि विभाग द्वारा उपेक्षित रखा गया है । जबकि इस क्षेत्र में आम, नींबू, आड़ू, पल्म, खुमानी और कम ऊंचाई के सेब होने की अपार क्षमता मौजूद है । क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा यदि किसानों को बागीचे लगाने और सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं बारे प्रेरित किेया होता तो बागवानी किसानों के लिए आय का अतिरिक्त साधन होती । बता दें कि इस क्षेत्र मेें किसान अतीत से ही पारंपरिक फसलें उगाते है परंतु पिछले कुछ वर्षों से किसान अब नकदी फसलें भी पैदा करने लगे है । सतलाई गांव के नेत्र सिंह ठाकुर का कहना है कि उनकी पंचायत में दो-तीन किसानों द्वारा पिछले वर्ष से कुछ सेब के पौधे अपने स्तर पर लगाने आरंभ किए गए है । इसी प्रकार बलोग पंचायत के महेश इंद्र ठाकुर और पीरन पंचायत के पूर्व प्रधान बालकराम निर्मोही सहित अनेक लोगों ने सरकार से मांग की है कि पीरन में वर्षों से बंद पड़े उद्यान प्रसार केंद्र को पुनः क्रियाशील बनाया जाए ताकि इस क्षेत्र में भी बागवानी गतिविधियां आरंभ हो सके ।
उप निदेशक उद्यान डॉ0 देसराज शर्मा का कहना है कि विभाग के प्रसार केंद्र को काफी वर्षों पहले पीरन से कोटी शिफ्ट कर दिया गया था । उन्होने बताया कि एचडीओ मशोबरा और एचईओ कोटी को आदेश दे दिए गए हैं कि बलोग, पीरन और सतलाई पंचायतों में बागवानी विकास के लिए विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन करे और किसानों को जलवायु के आधार पर बागवानी करने बारे प्रेरित करें ।